शब्द का अर्थ
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धैर्य :
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पुं० [सं० धीर+ष्यञ्] १. मन का वह गुण या शक्ति जिसकी सहायता से मनुष्य कष्ट या विपत्ति पड़ने पर भी विचलित या व्यग्र नहीं होता और शान्त रहता है। संकट के समय भी उद्विग्नता, घबराहट, विकलता आदि से रहित होने की अवस्था या भाव। धीरज। सब्र। क्रि० प्र०—धरना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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